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कश्मीर के जो हालात आज हो रहे है उसे देखते हुए हर भारतीय ये सोच रहा है की उमर ओबेदुल्ला सही तरीके से राजधर्म नहीं निभा पा रहे ,लेकिन अगर जे एंड के की राजनीती और इतिहास पर नजर डाले तो समझने में ज्यादा वक़्त नहीं लगेगा की वहा इतनी अशांति क्यूँ है उमर साहब से पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद जब सी एम् थे तब कश्मीर के हालात बहुत ठीक नहीं थे हीलिंग टच के नाम पर उन्होंने कई आतंकवादियों और अमन के दुश्मनों को जेल से बाहर हिंसा फ़ैलाने के लिए निकाल दिया , हाल ही में मैंने बाबा अमरनाथ की यात्रा की है मैंने वहां पर कुछ लोगो से कश्मीर के हालात पर चर्चा कर हिंसा का कारण जानना चाहा तो उसमे से एक ने बताया की हुर्रिअत के नेता अपने आदमियों को भेजकर पत्थर बजी शुरू करवाकर पीछे हट जाते है और फिर आम जनता पत्थर बाजी चालू कर देती है इस तरह पत्थर फैकने वाले लोग कुछ रुपये लेकर सिर्फ शुरुआत कर सुरक्षित ही रहते है लेकिन भोली भली जनता को क़ानूनी कार्यवाही या गोली का सामना करना पड़ता है.एक और महत्वपूर्ण बात उस कश्मीरी युवक ने बताई की मुफ्ती साहब भी नहीं चाहते की कश्मीर में शांति हो , उम्र साहब के लिए भी आक्रोश है कश्मीरियों के मन में मगर उन लोगो के पास अधिक विकल्प नहीं है मैंने पाया की कश्मीर में यदि बेहतर रोजगार के अवसर पैदा किये जाय तो आम कश्मीरी जो सिर्फ चंद रुपयों के लिए इन अलगाववादियों के हाथो की कठपुतली बना हुआ है आगे ऐसा नहीं करे,केंद्र सरकार को चाहिए की कश्मीर में सभी अलगाववादी नेताओ को अविलम्ब देश के बाहर कर दे,और वहा की जलवायु और भौतिक परिस्थितियों के अनुरूप उद्योग और अन्य रोजगारो के अवसर कश्मीरियों को दे ,कश्मीर के लोगो का मुख्य रोजगार है सूखे मेवे , सेब उत्पादन , केसर उत्पादन ,और पर्यटन सरकार को इन सभी मामलो में अधिक से अधिक सहायता कश्मीरियों की करना चाहिए,!
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