aaj ka bharat
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“ओंस की बूंद सी होती है बेटियाँ ,
जरा भी दर्द हो तो रोटी है बेटियाँ,
रौशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को,
दो दो कुल की लाज ढोती है बेटियाँ,
कोई नहीं एक दुसरे से कम,
हीरा अगर है बेटा ,तो सच्ची मोती है बेटियाँ,
कांटो की राह पर ये खुद ही चलती रहेंगी,
ओरों के लिए फूल सी होती है बेटियाँ,
विधि का विधान है यही दुनिया की रस्म है,
मुट्ठी भर नीर सी होती है बेटियाँ!
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