Menu
blogid : 2554 postid : 84

एक पत्र माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय के नाम …….

aaj ka bharat
aaj ka bharat
  • 22 Posts
  • 70 Comments

प्रति,
श्रीमान मुख्य न्यायाधीश महोदय,
उच्चतम न्यायलय
दिल्ली
विषय-खूंखार अपराधियों,आतंकवादियों और नक्सलियों के मानवाधिकार समाप्त करने बावत!
महोदय,
उपरोक्त विषय के अंतर्गत निवेदन है कि आज भारत देश में आतंकवादियों,नक्सलियों ने कोहराम मचा रखा है आये दिन आतंकवादी सुरक्षा बलों पर हमला कर उन्हें शहीद कर देते है सबसे ज्यादा आतंकवाद प्रभावित राज्य है जम्मू और कश्मीर जहाँ आतंक का नया स्वरुप देखने को मिल रहा है पडोसी देश पाकिस्तान इस राज्य को अस्थिर करने के लिए नित नई चाल चल रहा है हुर्रिअत के नेताओं को खरीद कर प्रतिदिन वहां स्वायत्ता के नाम पर आम कश्मीरी लोगों को भड़का कर सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए उकसा रहा है कभी पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी तो कभी पाकिस्तानी झंडा फहराकर अपनी पाकिस्तान के प्रति वफादारी के सबूत ये हुर्रिअत नेता देते रहते है आज हमारे सुरक्षा बलों को अपनी हिफाजद में गोली चलने कि भी इज़ाज़त नहीं है अगर चलाई तो हत्या का मुकदमा उनके खिलाफ दर्ज कर लिया जाता है और साथ ही नक्सलियों ने भी तांडव मचा रखा है हाल ही में नक्सलियों ने 150 से ज्यादा अर्धसैनिको की निर्मम हत्या कर दी ,चार पुलिसकर्मियों को अगवा कर एक की हत्या कर दी,सोहराबुद्दीन भी एक आतंकवादी ही था जिसकी हत्या के आरोप में 6 आई.पी.एस. अधिकारी और अन्य पुलिस अधिकारी जेल की सलाखों के पीछे है

महोदय जब ये खूंखार अपराधी लोगों को मारते है तब आम लोगों की रक्षा करने में हमारा कानून अक्षम साबित होता है लेकिन जब इन अपराधियों की मौत अगर मुडभेड़ में हो जाये तो मानवाधिकार की आड़ में जाबाज़ पुलिस अधिकारी जेल भेज दिए जाते हैं हाल ही में एक नक्सली की मुडभेड़ में मौत पर सवाल खड़े किये गए हमारी केन्द्रीय रेल मंत्री द्वारा वो भी सिर्फ वोट के लिए!
महोदय उपरोक्त प्रकार की अनगिनत घटनाएं घटित हो चुकी है इसलिए पुलिस, अर्धसैनिक और सेना को फ्रीहैंड देकर समस्त नक्सली और आतंकवादियों के तत्काल प्रभाव से मानवाधिकार समाप्त करने की कृपा करे

धन्यवाद
प्रार्थी
विजेंद्र सिंह भदोरिया

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply